Sunday, June 10, 2012

Shailendra Rawat is political illiterate : Uttrakhand Janmanch

                     Uttrakhand Janmanch termed
                     Ex M.L.A. as political illiterate
Uttrakhand Janmanch said that ex M.L.A. from Kotdwar had lost his mental balance. Terming the allegations as baseless Janmanch rejected the charge made by him against Janmanch. Uttrakhand Janmanch said that Janmanch extended his support to General B.C.Khanduri only to fight against corruption. Janmanch had not participated in any programme of General Khanduri after he became the Chief Minister. In a press statement released today here the Janmanch state spokesman Shashibhushan Maithani said that Shailendra Rawat is a master of political opportunism but he is a political illiterate. He told that Shailendra Rawat is a puppet of his political masters. That why he is attacking every one including Janmanch.
                            
                             राजनीतिक निरक्षर हैं शैलेंद्र रावत - जनमंच
उत्तराखंड जनमंच ने भाजपा से निष्कासित कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत द्वारा जनमंच पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि शैलेंद्र रावत भले ही ठेकेदारी और भितरधात में उस्ताद हों पर वह राजनीतिक रुप से निरक्षर हैं। जनमंच ने बीसी खंडूड़ी को भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए समर्थन दिया था। जनमंच ने कहा कि जनरल खंडूड़ी के मुख्यमंत्री बनने के बाद जनमंच ने उनके किसी कार्यक्रम में भागीदारी नही की।
यहां जारी एक बयान में उत्तराखंड जनमंच के प्रदेश प्रवक्ता शशिभूषण मैठाणी ने कहा कि भाजपा से निकाले जाने से शैलेंद्र रावत हताश और निराश हो गए हैं। उन्होने कहा कि अपनी पार्टी से उन्होने जो विश्वासघात किया था उसका नतीजा यही होना था। अब शैलेंद्र रावत बौखला गए हैं और अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं। कभी वह रक्षा मोर्चा को को पूर्व मुख्यमंत्री का संगठन बता रहे हैं तो कभी जनमंच पर अपनी खिसियाहट उतार रहे हैं। जनमंच प्रवक्ता ने कहा कि जनमंच ने जब बीसी खंडूड़ी का समर्थन किया था तब देश में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चल रहा था। जनमंच का मानना था कि राज्य में जनरल खंडूड़ी ही नैतिक रुप से इस आंदोलन के अगुआ हो सकते हैं। उन्होने जनमंच की पेशकश को स्वीकार किया। लेकिन जब वह मुख्यमंत्री बने तो जनमंच ने उनके किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। रावत को बताना चाहिए कि क्या जनमंच जनरल खंडूड़ी समेत किसी भाजपाई या कांग्रेसी प्रत्याशी के समर्थन में बयान जारी किया? मैठाणी ने कहा कि जनमंच को कम्युनिस्टों का संगठन बताकर शैलेंद्र रावत ने अपने अज्ञान का ही परिचय दिया है। उन्होने कहा कि रावत भले ही भितरघात की राजनीतिक के उस्ताद हों पर राजनीतिक रुप से वह निरक्षर हैं। उन्हे नहीं मालुम कि उत्तराखंड जनमंच पहाड़ी क्षेत्रवादी संगठन है और कम्युनिस्ट इसे फासिस्ट विचारधारा मानते हैं। शैलेंद्र रावत को अपना सामान्य ज्ञान बेहतर कर लेना चाहिए। उन्होने कहा कि उत्तराखंड जनमंच पहाड़ी समाज के हित में राजनीति से ऊपर उठकर काम करता है। इसीलिए उसने कांग्रेस से वैचारिक मतभेद होने के बावजूद पनबिजली परियोजनाओं पर राज्य सरकार के रुख का समर्थन किया है। 
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि शैलेंद्र रावत को जनमंच की आलोचना करने के बजाय अपने राजनीतिक आकाओं पर गुस्सा उतारना चाहिए जिन्होने जनरल खंडूड़ी के खिलाफ उन्हे इस्तेमाल किया और अब उनसे पल्ला झाड़ लिया है।

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