World Environment Day was observed as Black day
by Uttrakhand Janmanch
by Uttrakhand Janmanch
Uttrakhand Janmanch held a demonstration holding black flags in the hands on the eve of World Environment Day. It was quire surprising that Environment day a organization in the land of Chipko Movement was opposing the environment laws. While the government officers and leaders were sitting in the a/c rooms and discussing about the anger of environment the people from the villages of Uttrakhand was demonstrating at the temperature of 42 degree in the streets of the capital shouting slogans," Forests are ours and we want them back." It was irony of environmental debates that the concerns of environment were discussed in the cool and calm a/c halls of a five star hotel and the women of hills who are the real savior of forests were agitating in the heat and dust.
काले झंडों के साथ उत्तराखंड जनमंच का प्रदर्शन
नारेबाजी और घेराव
विश्व पर्यावरण दिवस को
काला दिवस के रुप में मनाया
जनविरोधी पर्यावरण व वन्य जंतु कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर उत्तराखंड जनमंच ने विश्व पर्यावरण दिवस को काला दिवस के रुप में मनाते हुए काले झंडों के साथ जुलूस निकाला और प्रमुख वन संरक्षक के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ‘पर्यावरण कानून रद्द करो , जल-जंगल पर हक हमारा है’ नारे लगा रहे थे। श्रीनगर और चंबा में भी उत्तराखंड जनमंच के कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाया जबकि पीपलकोटी में पीपलकोटी परियोजना संघर्ष समिति ने नगर में काले झंडों के साथ जुलुस निकाला और गंगा बेसिन अथाॅरिटी का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने रानीपोखरी में डीएफओ देहरादून की हठधर्मिता के कारण गैस एजेंसी न खोले जाने पर तीखा विरोध जताते हुए मीनाक्षी जोशी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। जनमंच ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह में रानीपोखरी में गैस एजेंसी का निर्माण शुरु नहीं कराया गया तो पचास हजार से ज्यादा क्षेत्रवासी गैस एजेंसी के लिए आवंटित भूमि पर भूमिपूजन और शिला पूजन करेंगे और डीएफओ की बर्खास्तगी को लेकर बेमियादी चक्का जाम कर देंगे।
चिपको आंदोलन की जमीन पर ‘‘दूसरे चिपको आंदोलन’’ की शुरुआत के ऐलान के साथ उत्तराखंड जनमंच ने आज विश्व पर्यावरण दिवस को काला दिवस के रुप में मनाया। रानीपोखरी,चंबा समेत विभिन्न भागों से आए जनमंच कार्यकर्ताओं ने मधुवन होटल से प्रमुख वन संरक्षक कार्यालय तक काले झंडों के साथ जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारी जंगल हमारे हैं- हमको वापस दो, पर्यावरण कानून रद्द करो, वन्य जंतु कानून रद्द करो जैसे नारे लगा रहे थे। जनमंच कार्यकर्ताओं ने प्रमुख वन संरक्षक के कार्यालय में घुस गए वहां मौजूद वन संरक्षक मुख्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय में वार्ता की पेश्कश को ठुकराते हुए कहा कि वन संरक्षक मुख्यालय रानीपोखरी और चंबा से आए लोगों की मांगों पर ठोस कदम उठाए। बाद में वन संरक्षक ने प्रदर्शन कारियों ने मंथन सभागार में वन संरक्षक के सामने का घेराव करते हुए चेतावनी दी कि जल और जंगल पर जनता को मालिकाना हक नहीं दिया गया तो नमक सत्याग्रह की तरह पर्यावरण कानून अवज्ञा आंदोलन चलाया जाएगा। इसके तहत पूरे राज्य में पर्यावरण और वन्य जंतु कानूनों का सामूहिक उल्लंघन किया जाएगा और वनों में वनकर्मियों के घुसने पर पाबंदी लगा दी जाएगी।
इस अवसर प्रदर्शन कारियों को संबोधित करते हुए जनमंच के प्रमुख महासचिव राजेन टोडरिया ने कहा कि ब्रिटिश सरकार ने 1865 में जो जंगल जनता से छीने थे उन्हे अब ग्रामीणों को लौटाने का समय आ गया है। उन्होने कहा कि वनों की रक्षा करने में वन विभाग नाकारा साबित हो गया है इसलिए जनता ने तय किया है कि वह अपने जंगलों की रक्षा खुद करेगी। जंगलों से गांव के लोग जड़ी बूटी एकत्र करेंगे और खुद ही उन्हे बेचेंगे। उन्होने कहा कि वन विभाग में किस तरह के जनविरोधी अफसर काबिज हैं इसकाा उदाहरण देहरादून की डीएफओ मीनाक्षी जोशी हैं जिनके कारण चार साल से रानीपोखरी में गैस एजेंसी नहीं खुल सकी और लोगों को लकड़ियों से खाना बनाना पड़ रहा है। उन्होने मांग की कि डीएफओ को त्तकाल बर्खास्त किया जाय। सभा में बोलते हुए जनमंच के कार्यकारी अध्यक्ष शशि भूषण भट्ट, उपाध्यक्ष आदित्य बडोनी,प्रदेंश प्रवक्ता शशि भूषण मैठाणी, आनंद चंदोला, उत्तराखंड महिला जनमंच की नेत्री उर्मिला पंत ने कहा कि जनता को परेशान करने वाले वन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों का घेराव किया जाएगा। उत्तराखंड महिला जनमंच की प्रदेश महामंत्री और क्षेत्र पंचायत सदस्य सुचेता डबराल ने कहा कि वन विभाग के अफसरों के जनविरोधी रवैये के कारण ग्रामीण जनता त्रस्त है। चंबा विकास खंड के पूर्व ज्येष्ठ उपप्रमुख साब सिंह सजवाण ने आगाह किया कि जनकल्याण के कामों में यदि वन विभाग के अफसरों ने बाधा डाली तो उनके खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी। जुलुस में मीडिया प्रमुख शिवानंद पांडे, टिहरी के जिलाध्यक्ष चंदन सिंह राणा, महामंत्राी सुरेश नेगी,जिला उपाध्यक्ष अरविंद बहुगुणा, महिला जनमंच की जिला उपाध्यक्ष सरिता राणा,राज्य कार्यकारिणी सदस्य सूरन तोपवाल,जिला कार्यकारिणी सदस्य सुशील डोभाल, सुरेंद्र पंवार , रानीपोखरी के ग्राम प्रधान पंकज यादव,रैण ग्रामसभा के प्रधान संसार सिंह छात्र व युवा जनमंच के समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद थे। उत्तराखंड जनमंच ने पर्यावरण दिवस को काला दिवस मनाने के अपने फैसले के बारे में एक पर्चा भी बांटा।
No comments:
Post a Comment